भारत में पर्यावरण प्रदूषण के प्रकार (Type of Pollution in Hindi )
जैसा की हम जानते है की पर्यावरण प्रदूषण, Pollutionएक देश की दिक्कत नहीं है, ये सम्पूर्ण संसार की दिक्कत बन चुकी है! आज संसार इसके मार से त्रस्त है किसी भी देश के पास इससे बचने या कम करने का तरीका नहीं है और ये प्रदूषण है की बढ़ता ही जा रहा है और हम सब इसके सामने लाचार है !
आज इसी सन्दर्भ में यह बात करेंगे और जानेंगे की पर्यावरण प्रदूषण कितने प्रकार है और इस से कैसे बचा या कम किया जा सकता है!
1 . वायु प्रदूषण (Air Pollution)
हम जानते है की किसी भी सजीव वास्तु को जीवित रहने के लिए एक साफ वायु की जरूरत होती है जिसमे वह सांस ले सके चाहे वो मानव हो, जंगली जानवर हो , पेड़ -पौधे हो या फिर समुन्दर में रहने वाले कुछ जलीय जिव सब को जीवित रहने के लिए वायु की जरूरत होती है, परन्तु आज के युग में मानव ने अपने स्वार्थ सिद्धि को पूरा करे की होड़ में वायु प्रदूषण को इतना बढ़ा दिया है की सांस लेना तो दूर साँस ले कर जल्दी मर जायेंगे
आज के इस आधुनिक दौर में हम दिखावे की जिंदगी जीने में इतने व्यस्त हो गए है की हम ये समझ ही नहीं पा रहे है की अनजाने में हम अपना गला तो घोंट ही रहे है साथ हे साथ अपनी आने वाली पीढ़ी का गला भी घोंट रहे है ! आज कल जन्म से हे बच्चों को साँस से सम्बंधित कोई न कोई बीमारी हो रहे है जिसे रोक पाना अब हमारे बस का नहीं रहा है!
Air Pollution (वायु प्रदूषण) |
वायु प्रदूषण के कारण (Cause of Air Pollution)
1. बढ़ता हुआ परिवहन : जैसे जैसे मानव तरक्की कर रहा है वैसे वैसे ही वह अपने सुख सुविधा का जरुरत से ज्यादा धयान दे रहा है ! आज कही भी आने जाने क लिए लोग पर्सनल कार का उपयोग करते है ताकि वो अपनी अमीरी दिखा सके ! आज एक ही परिवार के अलग अलग सदस्य अलग अलग कार का इस्तेमाल करते है ! जिससे सडको पर ज़ादा धुँआ होता है ! आज किसी भी परिवहन कंपनी में नाम मात्र का शुल्क दे कर कार, बाइक, स्कूटर घर लाया जा सकता है जिससे ज्यादा प्रदूषण हो रहा है !
source:www.knowindia.net/
Registered
Motor Vehicles (in millions)
Top 10 States (31.3.2016)
Maharashtra: 27.9
Tamil
Nadu: 24.2
Uttar
Pradesh: 23.9
Gujarat: 20.3
Karnataka: 16.3
Rajasthan: 13.6
Madhya
Pradesh: 11.1
Kerala: 10.2
Delhi: 9.7
Punjab: 9.1
Domestic Motor Vehicle Sales
(Apr 2017 - Mar 2018)
(Apr 2017 - Mar 2018)
- Passenger Vehicles: 3.29 million units
- Commercial Vehicles: 0.86 m
- Two-wheelers: 20.19 m
- Three-wheelers: 0.64 m
TOTAL: 24.97 million units
इससे] से हम आसानी से पता लगा सकते है की कितनी तेज़ी से सड़क परिवहन देश में बढ़ रहा है और प्रदूषण बढ़ा रहा है
2 . देश में बढ़ते कल -कारखाने : देश में सड़क परिवहन के आलावा दूसरे मुख्य कारण कल कारखाने है जो अपने उत्पाद बनाने के दौरान गन्दा धुआँ वायु में डालते है जिस से उस के आस पास के शहर या गांव दूषित होते रहते है ! इस प्रकार का जहर धीरे धीरे वातावरण को दूषित करते चले जाते है और पता भी नहीं चलता है, जब पता चलता है तब तक काफी देर हो चुकी होती है और हमारे हाथ में कोशिस करने क अलावा कुछ नहीं होता !
जैसे जैसे देश में और संसार में जनसँख्या बढ़ रहे उस जनसँख्या की मांग की पूर्ति करने के लिए उत्पाद को बढ़ाना परता है तथा नई नई कारखाने लगाने परते है जो हवा को दूषित करते है!
आज हमें आरामदायक जिंदगी जीने के लिए कार, नई नई ब्रांड के कपड़े , चौड़ी सड़के, मेट्रो, पूल , ऊंची ऊंची इमारते चाहिए जिनकी पूर्ति करने के लिए फैक्टरियों और कारखानों में ज्यादा काम होता है पेड़ कटे जाते है जिस से हवा दूषित होती है ! मानव क इस किर्याकलाप को बंद नहीं किया जा सकता क्योकि आज का मानव जरूरत से ज्यादा इन सुविधाओं पर निर्भर हो चूका है !
3 . पेड़ों का काटना : जैसे -जैसे देश में जनसँख्या बढ़ रही है वैसे वैसे चौड़ी सडको, ऊंची इमारतों नई पूलो स्कूलो इत्यादि की जरूरत हो रही है इस जरूरत को पूरा करने के लिए जमीन की जरूरत परी जिसकी पूर्ती करने के लिए हजारी और लाखो की संख्या में पेड़ों को काटा गया तथा आज भी काटा जा रहा है जिस के कारण हवा की सुद्धीकरण नहीं हो पा रहा है!
चूँकि हम जानते है के पेड़ पौधे वातावरण से कार्बनडाइऑक्ससिड ले कर ऑक्सीजन देते है परन्तु पेड़ो के इस प्रकार से अंधाढूंढ काटने से वायु और भी ज्यादा दूषित हो रही है!
4 . आधुनिक उपकरण : वायु प्रदूषण बढ़ने का एक कारण हामरे दिन प्रतिदिन के काम आने वाल आधुनिक उपकरण है जैसे AC युक्त गाड़िया, फ्रिज , गैस ! इन सब वस्तुओं से होने आराम तो मिलता है परन्तु इनका जरूरत से ज्यादा उपयोग वातावरण को दूषित कर रहा है क्योकि आज स्कूल हो, बस हो, निजी वाहन हो या फिर घर हो हर जगह हम एयरकण्डीशनर (AC) का इस्तेमाल करते है ! AC और फ्रिज से निकलने वाले जहरीले गैस हवा को दूषित कर ही रहे है साथ ही साथ हमरे सौरमंडल के ओज़ोन परत को नस्ट कर रहे है जो कई रोगो को जन्म भी दे रहा है |
वायु प्रदूषण रोकने के कुछ उपाय (Some measures to prevent air pollution)
1 . पेड़ - पौधे लगाना : वायु प्रदुषण को रोकने का सब से सरल तरीका है की हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे अपने आस पास खली पड़ी जगहों पर लगाए क्योकि ये हमें जीवन के लिए ऑक्सीजन देते है | अगर ये रहेंगे तो हमारा अस्तित्व भी बचा रहेगा इसलिए हमें अपने घरो में भी गमले लगाने चाहिए और जब तक ज्यादा जरूरत ना हो पेड़ों को नहीं काटना चाहिए |
पेड़ -पौधे होने से बारिश भी टाइम से आती है और वातावरण का टेम्प्रेचर ठीक रहता है नहीं तो हम ग्लोबल वार्मिंग की मार तो झेल ही रहे है |
2 . कल - कारखानों का आबादी से दुर ले जाना : कल - कारखाने आबादी से जितने दूर रहेंगे उतना अच्छा रहगा आम जनता के लिये, इस से बीमारी भी नहीं फैलेगी और हवा भी दूषित नहीं होगी इनका खुले में तथा दुर होने से गन्दी हवा लोगो को नुकसान नहीं करेगी तथा वो खुले में होने से हवा दुर तक फ़ैल जायगी |
3 . पब्लिक ट्रांसपोर्ट का ज्यादा इस्तेमाल : लोगो को ज्यादा से ज्यादा सार्वजानिक वाहनों का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि कम से कम वाहन सड़को पर दौरे और उनके दूषित धुँवे से हवा गन्दी ना हो | सरकार को भी इस दिशा में काम करने की जरूरत ताकि लोग इसके लिए जागरूक हो सके| जितनी काम वहां होंगे उतनी हे ज्यादा हवा साफ होगी | सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए की एक परिवार में एक हे वहान हो और वो भी ज्यादा जरूरत परने पर इस्तेमाल की जाये | इसके लिए सरकार यातायात साधन को काफी मजबूत करना होगा |
4. आधुनिक उपकरणो का काम इस्तेमाल : हमें गाह्रो में इस्तेमाल होने वाले उपकरण जैसे AC, फ्रिज या अन्य चीज़ो को जरूत के टाइम ही इस्तेमाल करने चाहिए बाकि टाइम उन्हें बंद रखना चाहिए जिससे बिजली भी बचेगी और हानिकारक गैस भी कम से कम निकलेगी और हवा दूषित नहीं होगी |
Type of Pollution in Hindi
2 . जल प्रदूषण (Water Pollution)
जैसा की बिना हवा के कोई भी सजीव जिव जंतु तथा इंसान जिन्दा नहीं रह सकता ठीक उसी प्रकर से बिना जल के भी कोई भी सजीव जिव जंतु तथा इंसान जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते है | जैसा की हमें पता है की पृथवी पर लगभग 71 % जल है लेकिन पिने योग मात्र 2.5%, जो की हमरे नदी तालाबों में पाया जाता है | परन्तु हम इस थोड़े से पानी को भी सुद्ध नहीं रख रहे है| आज हमारे नदी तालाब गंदे पड़े है हम इन में कारखानों तथा घर का गन्दा कूड़ा और पानी बहा रहे है जो की आने वाले समय में हमारे लिए ही नुकसानदेह है और हो भी रहा है | ऐसा माना जा रहा है की तीसरा विस्व युद्ध पानी के लिए ही लड़ा जायेगा | इसके होते हुए भी हम समझने को त्यार नहीं है और दिन प्रतिदिन इसको गन्दा कर रहे है |
Water Pollution (जल प्रदूषण) |
जल प्रदूषण के कारण (Cause of Water Pollution)
1 . बढ़ती हुई जनसँख्या : जैसा की ऊपर बताया है की मात्र हमारे पास केवल 2.5% जल ही पिने लायक है | परन्तु हमरे देश के साथ साथ पूरे संसार की जनसँख्या भी बढ़ती जा रहे है और इसके विपरीत हमारे पिने योग्य पानी का स्रोत काम होता जा रहा हैँ | हम जितना ज्यादा पानी इस्तेमाल करते है उतनी ही पानी की कमी दिन प्रतिदिन होती जा रही है | यही नहीं हम गन्दा इस्तेमाल किया हुआ पानी नदी और तालाब में बहा देते है जिस से नदी और तालाबों का पानी पिने लायक नहीं रह गए है | जितनी ज्यादा जनसँख्या बढ़ेगी उतना ही पानी का इस्तेमाल बढ़ेगा और पानी दूषित होगा |
2 . समुन्द्र के पानी का खारा होना : अब हम सोचेंगे की समुन्द्र के पानी का खारा होने से जल प्रदूषण का क्या लेना देना परन्तु मै आपको बता दू लेना देना है | समुन्द्र के पानी के खारा होने से इस पानी का इस्तेमाल पिने या सिंचाई में नहीं हो सकता जिस के कारण हम नदी और तालाबों पर निर्भर है और जरूत से ज्यादा उसका इस्तेमाल कर रहे है | यदि समुन्द्र का पानी खारा न हो कर पिने योग्य होता तो पानी की किल्लत न होती | इसी निर्भरता ने पानी को दूषित कर रहा है |
3 . फ़ैक्टरी और कारखानों का गन्दा पानी : लोगो की जरूरतो को पूरा करने के लिए कल -कारखाने भरी संख्या में उत्पादन कर रहे है और जिसको करने के बाद उसका बचा हुआ गन्दा पानी या मलबा नदी और तालाबों में फेक दिया जाता है जिससे पानी रोज़ दूषित हो रहा है जिसे रोकने के उपाय विफल होते दिख रहे है |
4 . पेड़ -पौधो का अंधाधुन्द कटाई : आज लोगो को जरुतो जैसे घर, पूल, मेट्रो आदि को पूरा करने के लीए जमीन की जरुरत है और जमीन को लेने के लीए हमने पेड़ -पौधो को हद से ज्यादा काट छाट कर दिया है जिस के करना जब कबि वर्षा होती है तो सारा गन्दा मालबा और गन्दिगी तथा मिट्टी बह कर नदी तालाबों में चली जाती है और पानी को दूषित करती है | ये पेड़ पौधे अपनी जड़ो से मिट्टी को जकड़े रखते है जिससे से कम से कम मिट्टी बह कर नदी तालाबों में जाती है |
जल प्रदूषण रोकने के कुछ उपाय (Some measures to prevent Water pollution)
1 . पेड़ - पौधे लगाना : वायु प्रदुषण के साथ साथ जल प्रदुषण को रोकने का सब से सरल तरीका है की हम ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे अपने आस पास खली पड़ी जगहों पर लगाए क्योकि ये हमें जीवन के लिए ऑक्सीजन देते है | अगर ये रहेंगे तो हमारा अस्तित्व भी बचा रहेगा इसलिए हमें अपने घरो में भी गमले लगाने चाहिए और जब तक ज्यादा जरूरत ना हो पेड़ों को नहीं काटना चाहिए |
2 . कल - कारखानों का गन्दा कचरा कही और फेकना : सरकार को चाहिए की वो अपने नागरिको और प्रदूषण काम करने के लिए ऐसी व्यवस्था करे की कल -कारखानों का गन्दा पानी सीधे तालाब या नदी में न जा कर वो ऐसे स्थान में जाये जिस से पानी गन्दा ना हो तथा कारखाना मालिकों को चाहिए की वो ऐसे प्लांट लगाये जिससे पानी साफ हो कर नदी या तालाबो में गिरे | तथा सरकार ऐसे कारखानों में रोक लगा दे जो हानिकारक रसायन फेंकते हो |
3 . जरूरत के अनुसार जल का उपयोग : हमें जरूरत के अनुसार पानी का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि पानी व्यर्थ न हो | इसके साथ हे हमें वर्षा के जल का संचय करना चाहिए जिससे पानी की बचत होगी और नदी - तालाबों में पानी भरा रहेगा |
4 . वर्षा के पानी का उपयोग : वजब कभी वर्षा हो तो सरकार के साथ साथ आम नागरिको को भी इस वर्षा के पानी का संचय करना चाहिए ताकि पानी की किल्लत को दुर किया जा सके |
3.ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution)
Noise Pollution |
ध्वनि प्रदूषण भी एक अन्य प्रकार का प्रदूषण का हे रूप है जिसने धीरे धीरे अपना विकराल रूप ले लिया है | यदि आप अकेले में अपने सुनने की शक्ति को देखो तो पता चलेगा की काम धीरे आवाज हमें ठीक से सुनाई नहीं देती या फिर ठीक से समज नहीं आती जब तक की ऊंची आवाज में न सुन ले | यही ध्वनि प्रदूषण है |
हमारे आस पास गाड़ियों की आवाज , स्पीकर्स के ऊंचे संगीत आदि ने हमारे सुनने की शक्ति को काम कर दिया है | जब कभी शादी विवाह होता है तो ऊंची ऊंची आवाज में संगीत बाजए जाते जाते जिस में हमें बड़ा मज़ा आता है, परन्तु ये हमरे कानो को निर्बल बना रहे है | जिस का अहसास काफी टाइम बाद होता है जब तक काफी देर हो चुकी होती है और हमारे हाथो में मशनी उपकारों का सहारा लेने के अलवा और कोई चारा नहीं होता है |
इसी प्रदूषण का नतीजा है की मानव आज काफी चिरचिरा हो गया है और छोटी छोटी बातो पर एक दूसरे से लड़ पड़ता है | जिसे असहनशीलता का रोग बोल सकते है क्योकि इसके कारन हमारे सोचने समझने की शक्ति को कम कर दिया है |
ध्वनि प्रदूषण को काम करने के कुछ उपाय (Some way to reduce Noise Pollution)
- हमें ऐसे किसी भी उपकरण का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए जिसे ज्यादा शोर शराबा हो |
- हमें ear phone का काम से काम इस्तेमाल करना चाहिए |
- सरकार ने जो नियम शादी विवाह में संगीत (DJ) बजाने को ले बनया है उसे हमें मानना चाहिए |
- जब कभी गाड़ी को चला रहे हो तब बिना के हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए |
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