Cheque Bounce Hone par kya kare चेक बाउंस होने पर फौरन उठाएं ये कदम - Online Information

Thursday 5 December 2019

Cheque Bounce Hone par kya kare चेक बाउंस होने पर फौरन उठाएं ये कदम

Cheque Bounce Hone Par Kya Kare  चेक बाउंस होने पर फौरन उठाएं ये कदम |    


cheque bounce hone par kya kare
Cheque Bounce


 चेक बाउंस कब होता है :

सब से पहले जानते है की चेक बाउंस कब होता है | यदि कोई कंपनी या व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को किसी अमाउंट का चेक देता है और जब वह व्यक्ति उस चेक को अपने बैंक में कैश करने के लिए डालता है परन्तु पैसे की कमी या अकाउंट क्लोज होने के कारण जब वह चेक कैश  नहीं हो पता तो बैंक उस चेक को dishonor कर के वापस कर देता है और एक स्लिप देता है जिमे चेक बाउंस का कारण लिखा होता है जिसे साधारण शब्दो में चेक बाउंस काहा जाता है | 



चेक बाउंस होने पर लीगल नोटिस :

यदि आप को भी किसी व्यक्ति ने या कंपनी ने चेक दिया है और वह किसी कारण से बाउंस हो जाता है तो आप को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए | आप को एक मंथ के अंदर चेक जारी करने वाले को लीगल नोटिस भेजना जरुरी होता है जिसमे की 15 दिन का टाइम दिया जाता है की वह चेक की धन राशि का भुगतान कर दे नहीं तो मामला कोर्ट में ले जाया सकता है | यदि  वह  दिए गए टाइम में पैसे दे देता है तो मामला बिना कोर्ट और लीगल करवाई के सुलझ जाता है | 


सिविल न्यायालय में केस या मुकदमा (CIVIL CASE):


यदि चेक जारी करने वाल 15 दिन के बाद भी कोई जवाब या पैसे नहीं देता तो आप उस पर निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट 1881  की धरा 138  के तहत सिविल न्यायालय में केस या मुकदमा कर सकते है परन्तु ये मुकदमा आप के अपने छेत्र के न्यायालय में ही करना होगा | केस डालने या दायर करने के बाद आप कोर्ट से अपील कर सकते है की  वह चेक जारी करने वाले से चेक की राशि का कुछ हिस्सा शुरुवात में दिलवा दे |  इसके बाद कोर्ट आमतौर पर  चेक की राशि का 20% से 30% राशि शुरुवात में दिलवा देती है |  परन्तु ये पूर्णरूप से कोर्ट के ऊपर होता है की वो ऐसे आर्डर दे दे |  इसे लिए आप के पास प्रयाप्त सबूत होने चाहिए | 

यदि आप केस जीत जाते है तो चेक की धनराशि के साथ साथ जो आप को पहले से कोर्ट ने पैसा दिला दिया था वह भी आप को मिल जाता है यदि आप केस को हार जाते है तो  आप को ब्याज के साथ वह धन राशि वापस करनी पड़ेगी जो आप को कोर्ट ने शुरवात में दिलवा दी थी | 



क्रिमिनल केस या मुकदमा (Criminal Case) :

 चेक बाउंस होने पर आप सिविल मुकदमे के साथ साथ आप क्रिमिनल केस भी कर सकते है जी हाँ आप भारतीय दंड संहिता यही आईपीसी की धरा 420 के तहत भी मुकदमा दाल सकते है | और ये सिविल और क्रिमिनल केस साथ साथ चल सकते है इसमें कोई दिक्कत नहीं है | 
 क्रिमिनल केस में आप को ये साबित करना होता है कि चेक जारी करने वाले का इरादा बेईमानी का था इसके लिए आरोपी को 7 साल की सजा या जुरमाना या फिर दोनों भी हो सकता  है | 


चेक  बाउंस क्यों हो जाता है :


1. अगर चेक देने या जारी करने वाले के बैंक अकाउंट में पैसा ही ना हो तो चेक बाउंस हो जाता है | 

2. यदि चेक में जो धनराशि लिखी है उस से काम राशि  बैंक अकाउंट में हो तो | 

3. यदि चेक पर signature ठीक से ना हो या फिर  गलत हो | 

4. यदि चेक जारी करने  का बैंक अकाउंट किसी कारण से सीज़ हो तो | 



चेक बाउंस केस करने के लिए ये होंना चाहिए :

1. Original चेक | 

2. बैंक की ओर से चेक बाउंस होने का मीमो  या स्लिप | 

3. चेक के लेन देन का किसी प्रकार का अग्ग्रिमेंट | 


ये तीनो चीज़े आप के पास होना चाहिए जो की आप के लिए साबुत का काम करेगा और आप केस जीत सकते 
है | 


चेक बाउंस से जुडी और जानकारों के लिए वेबसाइट हो subscribe कर  सकते है या फ़ीर comment Box में अपना कमेन्ट कर सकते है | 







चेक बाउंस  लीगल  नोटिस कैसे भेजे और उसके फॉरमेट कैसा होना  नीचे क्लीक करे

How to Write Cheqe Bounce Legal Notice






धन्यवाद मेरा पोस्ट पढ़ने के लिए ,कमेंट कर के जरूर बताये की ये जानकारी आप को कैसी लगी | 






















6 comments:

  1. Thanks for these knowledgeable post.

    ReplyDelete
  2. Very informative post. Thanks for sharing.

    ReplyDelete
  3. Learned something new today, I didn't had much knowledge of this thing. Will bookmark the post for future use.

    ReplyDelete
  4. I am surely going to save and share this post... Ye humare saath kafi baar hua hai... But jyada information nahi thi.. but ab him bhi bol sakte hai

    ReplyDelete
  5. This is a very insightful post. I didn't know so much about this. Must share with everyone.

    ReplyDelete
  6. You have sucked the issue very well and given the options fairly well
    Check vouchers can be for a variety of reasons
    Ritesh

    ReplyDelete

Please do not Post any spam Post and Abuse